गुजरात के मोरबी पुल हादसे में 134 मृतकों की संख्या जा पहुंची। रेस्क्यू अफसर बोले पुल के नीचे और शव फंसे हो सकते है।
गुजरात में ब्रिज टूटा 190 की मौत रेस को अफसर बोले – पुल के नीचे से फंसे हो सकते हैं। मटमैले पानी में सब को ढूंढना हो रहा है, मुश्किल……………
इनमें 25 बच्चे हैं। मृतकों में महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है। इस 170 से ज्यादा लोगों की rescue किया गया है यह हादसा रविवार शाम 6:30 हुआ है। कहा गया है कि बृज में 500 से ज्यादा लोग मौजूद होने के कारण ब्रिज का संतुलन बिगड़ा और बीच से टूट जाता है, कि जो तैर सकते थे। वह बच गए और जो तौरने में असमर्थ थे , वे फस गए । उन्हें रेस्क्यू टीम द्वारा बचाया जा रहा है।
करीब 6 महीने से बंद पड़ा था। इसका मरम्मत भी बहुत समय से चल रहा था। हादसे में 5 दिन पहले 25 अक्टूबर को यह ब्रिज सभी लोगों के लिए खोल दिया गया था। रविवार के दिन यहां भीड़ की छमता अधिक हो गई। जिससे ब्रिज में ओवरलोड पड़ने के कारण ब्रिज टूटने का कारण बताया जा रहा है।
चार बड़ी अपडेट सामने आ रही हैं
1. मोरबी ब्रिज हादसे में जो भी लोग मारे गए हैं उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
2. राजकोट के भाजपा संसद में परिवार के 12 लोग हादसे में मारे गए हैं।
3. NDRF की टीम ने अब तक 132 लोगों के शव दर्ज किया है अभी कई लोग लापता है पुल के नीचे सब फंसे होने की आशंका बताई जा रही है
4. हेल्पलाइन नंबर 02822243300 नंबर पर हेल्प मांग सकते हैं । यह मोरबी और राजकोट हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड बना है, आप वहां जाकर इलाज भी करा सकते हैं।
शाम को पुल टूटने से लेकर सोमवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन तक की तस्वीरें
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गुजरात के मोरबी पुल हादसे ki picture |
सोमवार को मोरबी जिला के अस्पताल से आई यह तस्वीर है। सब उसे पूरा अस्पताल भरा पड़ा है
मोदी हुए भावुक – कहा कम से कम परेशानी हो यही कोशिश है।
PM मोदी बोले जिन लोगों को अपना जीवन गवाना पड़ रहा है। उनके परिवारों को प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और बचाव कार्य में रेस्क्यू टीम , एनडीआरएफ सेना और वायु सेना की टीम लगी हुए। रिसीव करने में सरकार की ओर से पूरी कोशिश की जाएगी। लोगों को कम से कम दिक्कत हो और यही कोशिश रहेगी।
कुछ लोगों की मुंह जुबानी हादसे की भयावह कहानी
पहला व्यक्ति – इस ब्रिज में लगभग 500 से अधिक लोग मौजूद थे। इस हादसे में 8 लोगों से ज्यादा बचाने वाले व्यक्ति ने कहा। यहां बाजार से आए लोग मौजूद थे। जो लोग तैरना जानते थे, वह तैरकर बच गए। लेकिन जो बच्चे डूब रहे थे। हमने उन्हें बचाने की कोशिश किया
। उसके बाद बड़ों को निकाला। पाइप के सहारे कुछ लोग निकल रहे थे।
दूसरे व्यक्ति ने कहा – एक गर्भवती महिला की जान जाते देखकर उसका दिल दहल गया। उसने जिंदगी में ऐसा भयावह दृश्य कभी नहीं देखा। और आगे बोली मैं यहां हर रविवार को चाय भेजता हूं। मैंने लोगों को तार से लटकते हुए देखा इसके बाद लोग फिसलने लगे। मैं रात भर नहीं सोया। पूरी रात लोगों को बचाने में जुटा रहा। मेरा दिल दहल गया। जब मैंने 8 से 9 महीने की गर्भवती महिला की लाश देखी। तो मैंने अपनी जिंदगी में ऐसा भयावह दृश्य कभी नहीं देखा था।
ऑफिसर बोले…. इस ब्रिज की 100 लोगों की क्षमता थी। लेकिन 500 से ज्यादा लोग जमा हुए। जिससे यह ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया।
यह ब्रिज बनने के बाद कई बार इसकी जांच परख किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसकी मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया जा चुका है। गुजरात के मोरबी के भाजपा सांसद मोहन कुंडलिया ने बताया, कि ब्रिज के टूटने से लोग गिरे। वहां 15 से 16 फीट तक पानी भरा था। कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए हैं। लेकिन कई लोग झूले पर अटके रहे।
सड़क एवं वाहन विभाग मंत्री जगदीश पांचाल ने कहा कि यह पुल नगर निगम के दायरे में आता था। निगम के अधिकारियों ने यही बताया। ब्रिज की क्षमता 100 लोगों की थी, लेकिन रविवार की छुट्टी होने के अधिक लोगों की जमा के चलते हादसे का कारण बना। इसी कारण ब्रिज का मेंटेनेंस बिगड़ने के कारण बीच से टूट गया।
हादसे के बाद रविवार की शाम की तस्वीरें….
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गुजरात के मोरबी पुल हादसे में पास मौजूद लोगों ने बचाव कार्य में रेस्क्यू टीम की मदद की। |
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यह तस्वीर गुजरात के मोरबी पुल हादसे की रात करीब 10:00 बजे की हैं। इस समय तक NDRF, SDRF , आर्मी और वायुसेना की रेस्क्यू टीम की यह तस्वीर है। |
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तस्वीर मोरबी जिले के GRERS अस्पताल पर रात 11:00 बजे यह तस्वीर ली गई है। यहां लोगों की भीड़ और एंबुलेंस नजर आ रही है। |
सुबह सोमवार की तस्वीर……..
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मोरबी नदी पर गोताखोर की टीमें और रेस्क्यू टीम शवों को निकालने में जुटी है। यह तस्वीर सोमवार की सुबह की है।
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सोमवार सुबह की इस तस्वीर में मोरबी के टूटे पुल लोगों की भीड़ नजर आ रही है। इस पेड़ की ज्यादातर संख्या अपनों को ढूंढने के लिए आई है। |
Rescue team ……
रात में ही NDRF , SDRF और वायु सेना की टीम वहां पहुंच गई थी और यहां जामनगर यानी 100 किलोमीटर दूर से वायुसेना के 500 गरुड़ कमांडो भी वहां पहुंचे सोमवार सुबह एनडीआरएफ अफसर ने बताया कि कुछ सब पुल के नीचे फंस गए हैं मठ में ले पनी होने की कारण लोगों को ढूंढने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है फिर भी रेस्क्यू टीम, तैराक, गोताखोर के अलावा दर्जनभर टीमें ऑपरेशन में जुड़ी हैं
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