20 महत्वपूर्ण प्रश्न 9th Social Science Ardhvarshik Paper 2023-24 PDF

Join us to TELEGRAM

              [SET-A] MP Board 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2023-24 PDF : एमपी बोर्ड 9वीं सामाजिक विज्ञान अर्द्धवार्षिक पेपर 2023 असली पेपर

              MP Board Class 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2023 : मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित अर्द्धवार्षिक परीक्षा का आगमन शुरू हो चूका है, और विद्यार्थी सब्जेक्ट वाइज ओरिजिनल पीडीऍफ़ की तलाश कर रहे है। तो जैसा की आप सबको पता होगा 11  दिसम्बर को सामाजिक विज्ञान का पेपर संपन्न कराया जायेगा और सभी छात्र Class 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न  की तलाश कर रहे है ।

20 महत्वपूर्ण प्रश्न 9th Social Science Ardhvarshik Paper 2023-24

तो MP Board Class 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न half yearly paper 2023 की तलाश कर रहे छात्रों के लिए बड़ी अपडेट सामने आ रही है, आज के इस लेख में हम आप सबको MP Board Class 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न half yearly paper 2023 Original pdf प्रोवाइड करने वाले है ताकि आप सब MP Board Class 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न half yearly paper 2023 के माध्यम से अपनी तैयारी पूरी करके अर्द्धवार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण कर सके।

एमपी बोर्ड Class 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2023-24

Join us to TELEGRAM

MP Board Kaksha 12vi vishay Hindi 20 महत्वपूर्ण प्रश्न half yearly paper 2023-24: प्रिय छात्रों, आज हम आपके सामने MP Board Class 9th सामाजिक विज्ञान Ardhvarshik Paper 2023-24 के बारे में जानकारी देने आए हैं। आज हम आपको 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2024 के संबंध में जानकारियां देंगे। यदि आप अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक जरूर पढ़ें।

MP Board Class 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2023-24 Real Paper

मेरे प्रिय छात्रों, जैसा की हम सभी को ज्ञात है कि MP Board Ardhvarshik exam Paper 2023 दिसम्बर महीने वर्ष 2023 में होंगे। यह टाइम टेबल माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल द्वारा जारी किया गया IMP Board Class 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2023 का Syllabus, Pdf & Notes आप सभी छात्रों को नीचे मिल जायेगा।

Overview – MP Board class 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2023-24

Board   Madhya Pradesh Board of Secondary Education (MPBSE)
Class   9th
Exam   Mp Board Half yearly Exam 2023-24
MP Half Yearly Exam Date   December 2023
Time Table   06.12.2023 to 15.12.2023
Official Website mpbse.nic.in

 

एमपी बोर्ड कक्षा 9वीं सामाजिक विज्ञान अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2023-24

प्यारे विद्यार्थियों आज इस आर्टिकल Hindi 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Class 9th Ardhvarshik Paper 2023-2024 MP Board के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आपको अपने MP Board Class 9th सामाजिक विज्ञान Ardhvarshik Paper 2023-2024 के अंतर्गत कुल कितने पाठ याद करने पड़ेंगे। अर्थात कुल कितना सिलेबस पूछा जाएगा, परीक्षा का पैटर्न कैसा रहेगा, इत्यादि जानकारियां आज आप यहां से लेने वाले हैं। हम आपसे पुनः कहेंगे की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको हमारे साथ अंत तक जुड़े रहना पड़ेगा।

All Subject PDF Download Class 9th Half Yearly Exam 2023-24

9वीं सामाजिक विज्ञान के बाद नीचे दिये गये लिंक और अन्य विषय का भी pdf डाउनलोड कर सकते है।

कक्षा 9वीं सामाजिक विज्ञान अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2023-24 असली पेपर

Join us to TELEGRAM

इस पोस्ट में हम MP Board Class 9th Social Science 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Pariksha 2023-24 प्रोवाइड कराने वाले है ताकि आप सब MP Board kaksha 12vi Hindi 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik pariksha 2023 के माध्यम से अपनी तैयारी कर अपने परीक्षा में बहुत अच्छे नंबर ला सकते है। MP Board Class 12 Hindi 20 महत्वपूर्ण प्रश्न half yearly paper 2023 दिसम्बर में होने जा रहा है।

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

20 महत्वपूर्ण प्रश्न 9th Social Sciences Ardhvarshik Paper

 

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

Join us to TELEGRAM

 

प्रश्न 1. ‘दलित’ किसे कहते हैं ?

उत्तर-ऐसी जाति में जन्मा व्यक्ति जिसे दूसरी जातियों के व्यक्ति छूने लायक नहीं मानते हैं। दलितों के लिए अनुसूचित जाति, कमजोर वर्ग इत्यादि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 2.. ‘टाईद’ एवं ‘टाईल’ शब्द का क्या अर्थ था ?

उत्तर- ‘टाईद’ शब्द का अर्थ धार्मिक कर तथा ‘टाईल’ शब्द का अर्थ प्रत्यक्ष कर था। टाईद चर्च द्वारा वसूल किया जाने वाला कर था तथा टाईल सीधे राज्य द्वारा वसूल किया जाने वाला कर था।

Join us to TELEGRAM

प्रश्न 3. फ्रांस में दास प्रथा का उन्मूलन कब और किस प्रकार हुआ ?

उत्तर- सन् 1794 के कन्वेंशन ने फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों को मुक्ति का कानून पारित किया। पर यह कानून एक छोटी-सी अवधि तक हो लागू रहा। दस वर्ष बाद नेपोलियन ने दासप्रथा पुनः शुरू कर दी। बागान मालिकों को अपने आर्थिक हित साधने के लिए अफ्रीकी नीग्रो लोगों को गुलाम बनाने की स्वतंत्रता मिल गयी। फ्रांसीसी उपनिवेशों से अंतिम रूप से दासप्रथा का उन्मूलन 1848 में किया गया।

प्रश्न 4. निजी संपत्ति के बारे में पूँजीवादी और समाजवादी विचारधारा के बीच दो अंतर बताइए

उत्तर- निजी संपत्ति के बारे में पूँजीवादी और समाजवादी विचारधारा के बीच दो अंतर निम्न प्रकार के हैं-

पूँजीवादी- (1) पूँजीवादी की सोच थी कि उनकी सम्पत्ति से जो भी फायदा हो वह           सब संपत्ति के मालिक को मिले।

Join us to TELEGRAM

(2) पूँजीवादी सोच थी कि सम्पत्ति पर व्यक्तिगत अधिकार हो सकता है।

 

समाजवादी- (1) समाजवादी सोच थी कि संपत्ति के निजी स्वामित्व की व्यवस्था ही सारी समस्याओं जड़ है। संपत्ति पर सभी का सामूहिक अधिकार है।

(2) समाजवादी सोच थी कि फायदा मजदूरों की मेहनत का फल है, तो फायदे का हिस्सा मजदूरों का भी हो सकता है।

प्रश्न 5. मजदूरों की मनोदशा में आए परिवर्तन बताइए।प्रश्न 9. 1917 में जार का शासन क्यों खत्म हो गया ?

उत्तर– 1917 में जार का शासन खत्म होने के निम्न कारण थे-

(1) जार निकोलस द्वितीय ने राजनैतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी, मतदान के नियम बदल डाले और अपनी सत्ता के विरुद्ध उठे सवालों अथवा नियंत्रण को खारिज कर दिया। इससे लोगों में असंतोष पैदा होने लगा।

(2) रूस में युद्ध, प्रारंभ में बहुत लोकप्रिय था और जनता जार का साथ देती थी। जैसे-जैसे युद्ध जारी रहा, जार ने ड्यूमा के प्रमुख दलों से सलाह लेने से मना कर दिया।

प्रश्न 6. निरंकुश राजशाही किसे कहते हैं ?

उत्तर- निरंकुश राजशाही से तात्पर्य उस शासन व्यवस्था से है, जहाँ का शासन किसी एक व्यक्ति अथवा एक ही राजवंश या परिवार के हाथ में होता है।

 

प्रश्न 7. रूढ़िवादी और रैडिकल में अंतर बताइए।

उत्तर- (1) रूढ़िवादी – रूढ़िवादी विचारधारा के समर्थक राजतंत्र एवं राजा के दैवीय सिद्धांतों में विश्वास करते थे। यह रैडिकल तथा उदारवादी दोनों विचारधाराओं का विरोध करते थे, परन्तु 18 वीं शताब्दी के अंत तक इनकी विचारधारा में तीव्र परिवर्तन आया। और इन्होंने भी परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया, परंतु यह चाहते थे कि परिवर्तन की प्रक्रिया धीमी हो तथा अतीत को पूरी तरह न ठुकराया जाए।

(2) रैडिकल – इस विचारधारा के समर्थक बहुमत पर आधारित सरकार की स्थापना के पक्ष में थे। यह किसी भी व्यक्ति को प्राप्त विशेषाधिकारों के विरुद्ध थे। यह समानता पर आधारित समाज की स्थापना करना चाहते थे। प्राचीन रूढ़ियों के यह विरोधी थे यह राजा के दैवीय शक्ति के सिद्धांत में विश्वास नहीं करते थे और राजतंत्र को नष्ट करने के लिए क्रांतिकारी उपायों को अपनाने के पक्ष में थे। फ्रांस में पेरिस कम्यून की स्थापना का श्रेय इसी विचारधारा के समर्थकों को जाता है।

प्रश्न 8. रूसी क्रांति की सफलता के कारण बताइए।

उत्तर- रूसी क्रांति की सफलता के निम्नलिखित कारण थे-

(1) प्रथम विश्व युद्ध के चलते रहने के कारण यूरोपीय राष्ट्र क्रांति के दमन में सहयोग नहीं दे पाये।

(2) रूसी क्रांति के विरोधियों में परस्पर फूट थी जिसका लाभ क्रान्तिकारियों ने उठाया।

(3) साम्यवादियों की सुसंगठित लाल सेना ने पूँजीपतियों की सेनाओं को कुचल दिया था।

 

प्रश्न 9. कार्ल मार्क्स कौन था ? 1917 की रूसी क्रांति लाने में मार्क्स का क्या योगदान था ?

उत्तर-कार्ल मार्क्स वह पहला विद्वान था जिसने समाजवाद को एक वैज्ञानिक रूप दिया। कार्ल मार्क्स का विचार था कि औद्योगिक समाज पूँजीवादी समाज है। फैक्ट्रियों में लगी पूँजी पर पूँजीपतियों का स्वामित्व है और पूँजीपतियों का मुनाफा मजदूरों की मेहनत से पैदा होता है। मार्क्स का विचार था कि जब तक निजी पूँजीपति इसी तरह लाभ का संचय करते जायेंगे तब तक मजदूरों की स्थिति में सुधार नहीं हो सकता। अपनी स्थिति में सुधार लाने के लिए श्रमिकों को पूँजीवाद व निजी सम्पत्ति पर आधारित शासन को उखाड़ फेंकना होगा। मार्क्स को विश्वास था कि पूँजीपतियों के साथ होने वाले संघर्ष में जीत अंततः श्रमिकों की ही होगी। उनके विचारों ने रूसी बुद्धिजीवियों तथा क्रान्तिकारियों को विशेष रूप से प्रभावित किया।

प्रश्न 10. बस्तर और जावा के औपनिवेशिक वन प्रबंधन में क्या समानताएँ हैं ?

उत्तर-बस्तर और जावा के औपनिवेशिक वन प्रबंधन में निम्नलिखित समानताएँ हैं- (1) बस्तर और जावा दोनों में ही वन नियमों को कठोरता से लागू किया गया।

(2) बस्तर और जावा दोनों में ही वन नियमों के अंतर्गत वनों का वर्गीकरण किया गया और सुरक्षित वनों लकड़ी काटने तथा वन उत्पाद एकत्रित करने पर प्रतिबंध लगा दिया।

प्रश्न 11. व्यावसायिक खेती की वन-विनाश में क्या भूमिका थी ?

उत्तर- व्यावसायिक खेती की वन-विनाश में भूमिका-उन्नीसवीं सदी में औपनिवेशिक सरकार ने व्यावसायिक खेती को प्रोत्साहित किया। इसका प्रमुख कारण यूरोप में व्यावसायिक फसलों जैसे-पटसन, गन्ना, गेहूँ एवं कपास की बढ़ती माँग थी। अतः सरकार ने जंगलों को साफ करके इन फसलों की कृषि को बढ़ावा दिया।

प्रश्न 12. चाय-कॉफी के बागानों की वन-विनाश में क्या भूमिका थी ?

उत्तर-चाय-कॉफी के बागानों की वन-विनाश में भूमिका-यूरोप में चाय-कॉफी और रबड़ को बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इन वस्तु के बागान बने और इनके लिए भी प्राकृतिक वनों का एक भारी हिस्सा साफ किया गया। औपनिवेशिक सरकार ने जंगलों को अपने कब्जे में लेकर उनके विशाल हिस्सों को बहुत सस्ती दरों पर यूरोपीय बागान मालिकों को सौंप दिया। इन इलाकों को बाड़ाबंदी करके जंगलों को साफ कर दिया गया और चाय-कॉफी की खेती की जाने लगी।

प्रश्न 13. आदिवासी और किसानों का वन-विनाश में क्या भूमिका थी ?

उत्तर-आदिवासी और किसानों का वन-विनाश में भूमिका-आदिवासी और किसान वन क्षेत्रों में कृषि की स्थानांतरी पद्धति को अपनाते थे जिसके कारण वनों को जलाकर भूमि प्राप्त की जाती थी। कई बार वनों की आग बड़े पैमाने पर वनों को नष्ट कर देती थी। औपनिवेशिक सरकार ने उन्नीसवीं सदी में वन नीति के द्वारा इस कृषि प्रणाली पर प्रतिबंध लगा दिया था।

प्रश्न 14. युद्धों से जंगल क्यों प्रभावित होते हैं ?

उत्तर-युद्धों से जंगल निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित होते हैं-

(1) प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत एवं इण्डोनेशिया में औपनिवेशिक सरकारों ने बेतहाशा पेड़ काटे।

(2) जहाजों के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर कीमती लकड़ी प्राप्त करने के लिए जंगलों को काटा गया।

(3) युद्ध उद्योग के लिए लकड़ी एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है।

(4) युद्ध के समय खेती भूमि का विस्तार करने वाले भी पेड़ों को काटकर जंगलों को साफ करते हैं।

(5) स्थल सेना की अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी बड़े पैमाने पर लकड़ियों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 15. वनों से होने वाले चार लाभ बताइए।

उत्तर-वनों से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं-

(1) चरागाह – वन क्षेत्र जानवरों के लिए उत्तम चरागाह है। वनों से जानवरों के लिए घास व पत्तियाँ मिलती हैं।

 

(2) लकड़ी की प्राप्ति- वनों से प्राप्त लकड़ी ईधन का महत्वपूर्ण स्रोत है। वनों से सागौन, देवदार, शीशम, चीड़, आबनूस, चन्दन आदि की लकड़ी प्राप्त होती है।

(3) रोजगार – बनों पर 7-8 करोड़ व्यक्तियों की आजीविका आश्रित है। वनों से जो कच्चे पदार्थ मिलते हैं उनसे बहुत से उद्योग चल रहे हैं और करोड़ों व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ है।

(4) राजस्व की प्राप्ति – सरकार को वनों से राजस्व व रायल्टी के रूप में करोड़ों रुपये की प्राप्ति होती है।

 

प्रश्न 16. झूम खेती किसे कहते हैं ?

उत्तर- झूम कृषि एक आदिम प्रकार की कृषि है, जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं।

प्रश्न 17. भारत की सीमा में स्थित राष्ट्र कौन-से हैं ?

उत्तर- भारत का दक्षिण एशिया में एक महत्वपूर्ण स्थान है भारत में 28 राज्य और 8 केन्द्र शासित क्षेत्र हैं। भारत की भूमि की सीमाएँ उत्तर पश्चिम में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ, उत्तर में चीन, नेपाल और भूटान के साथ तथा पूर्व में म्यांमार व बांग्लादेश के साथ है। दक्षिण में समुद्र पार हमारे पड़ोसी दो द्वीप समूह राष्ट्र श्रीलंका और मालदीव हैं।

 

प्रश्न 18. सन् 1947 से पूर्व भारत कितने प्रकार के राज्यों में विभाजित था ?

उत्तर सन् 1947 से पूर्व भारत में दो प्रकार के राज्य थे, प्रांत और रियासत । वायसराय द्वारा नियुक्त अंग्रेज अधिकारी प्रांतों पर शासन करते थे। रियासतों का शासन स्थानीय शासकों द्वारा पैतृकता के आधार पर अंग्रेजी शासकों की प्रभुसत्ता मानकर स्वायत्तता से किया जाता था।

प्रश्न 19. 82°30′ पूर्व देशांतर को भारत की मानक याम्योत्तर क्यों माना गया है ?

उत्तर-गुजरात से अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय समय में दो घण्टे का अन्तर है, अत: 82°30′ पूर्व देशांतर रेखा को भारत की मानक याम्योत्तर माना गया है जो कि उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर से होकर गुजरती है। अक्षांश का प्रभाव दक्षिण से उत्तर की ओर दिन और रात की अवधि पर पड़ता है।

 

प्रश्न 20. कन्याकुमारी और कश्मीर में दिन-रात की अवधि में अंतर क्यों हैं?

उत्तर-भू-मध्य रेखा के आसपास के क्षेत्रों में दिन और रात की अवधि लगभग समान होती है। चूंकि कन्याकुमारी भू-मध्य रेखा के पास है (8°4’उत्तर) इसलिए यहाँ दिन-रात की अवधि में मुश्किल से एक घंटे का अंतर है। कन्याकुमारी में दिन-रात की अवधि में कोई विशेष अंतर नहीं है। वहीं दूसरी ओर जब हम भू-मध्य रेखा से ध्रुवों की तरफ चलते हैं, तो दिन-रात की अवधि में अंतर बढ़ता जाता है। कश्मीर भू-मध्य रेखा से 30° उत्तर से भी अधिक दूर है, इसीलिए वहाँ दिन-रात की अवधि में अंतर महसूस होता है।

…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

 

प्रश्न 21. शीतऋतु की अवस्था एवं उसकी विशेषताएँ बताइए।

उत्तर-शीतऋतु की अवस्था और उसकी विशेषताएँ –

(1) मध्य नवंबर से फरवरी तक की अवधि शीतऋतु कहलाती है।

(2) भारत के उत्तरीय भाग में दिसंबर एवं जनवरी सबसे ठंडे महीने होते हैं।

(3) उत्तर में तुषारापात सामान्य है तथा हिमालय के ऊपरी ढालों पर हिमपात होता है।

(4) इस ऋतु में देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रवाहित होती हैं।

 

प्रश्न 22. भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताएँ बताइए।

 

उत्तर- भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा की विशेषताएँ-

(1) जून के प्रारंभ में उत्तरी मैदानों में निम्न दाब की अवस्था तीव्र हो जाती है।

(2) यह दक्षिणी गोलार्द्ध की व्यापारिक पवनों को आकर्षित करता है।

(3) ये पवनें तीव्र होती हैं तथा 30 कि.मी. प्रति घंटे के औसत वेग से चलती हैं।

(4) खासी पहाड़ी के दक्षिणी श्रृंखलाओं में स्थित मासिनराम विश्व में सबसे अधिक औसत वर्षा प्राप्त करता है।

प्रश्न 23. राजस्थान में घरों की दीवार मोटी तथा छत चपटी क्यों होती है ?

उत्तर-राजस्थान में मौसम अत्यधिक गर्म होता है और वर्षा बहुत कम होती है। राजस्थान का कुछ हिस्सा रेगिस्तान से बँका हुआ है। घरों की मोटी दीवार लोगों को दिन में बाहर की अत्यधिक गर्मी और रात्रि के समय बाहर की अत्यधिक ठंड से बचाती है। चूंकि राजस्थान में वर्षा बहुत कम होतो है इसलिए वहाँ छतों पर पानी इकट्ठा नहीं होता है और साथ ही यहाँ चपटी छत बनाना भी सरल होता है।

प्रश्न 24. जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख घटकों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- जनसंख्या वृद्धि के महत्वपूर्ण घटक निम्नलिखित है-

(1) उच्च जन्मदर – एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में जितने जीवित बच्चों का जन्म होता है, उसे जन्म दर कहते हैं। यह वृद्धि का एक प्रमुख घटक है, क्योंकि भारत में हमेशा जन्मदर मृत्युदर से अधिक रहा है।

(2) निम्न मृत्यु दर- एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में मरने वालों की संख्या को मृत्युदर कहा जाता है। मृत्यु दर में तेज गिरावट भारत की जनसंख्या में वृद्धि की दर का मुख्य कारण है।

(3) प्रवास-जनसंख्या वृद्धि का तीसरा घटक प्रवास है। लोगों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने को प्रवास कहते हैं। प्रवास आंतरिक (देश के भीतर) या अंतर्राष्ट्रीय (देशों के बीच) हो सकता है।

प्रश्न 25. स्वस्थ जनसंख्या कैसे लाभकारी है ?

उत्तर- स्वस्थ जनसंख्या के लाभ निम्न हैं

(1) स्वास्थ्य, जनसंख्या की संरचना का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो कि विकास की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। स्वस्थ जनसंख्या राष्ट्र के लिए एक परिसंपत्ति होती है। एक अस्वस्थ व्यक्ति की अपेक्षा स्वस्थ व्यक्ति अधिक उत्पादनशील तथा दक्ष होता है।

(2) सरकारी कार्यक्रमों के निरंतर प्रयास के द्वारा भारत की जनसंख्या के स्वास्थ्य स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है

(3) परिणामस्वरूप, मृत्युदर जो वर्ष 1951 में (प्रति हजार) 25 थी, वर्ष 2001 में घटकर (प्रति हजार) 8-1 रह गई है। जीवन प्रत्याशा जो कि वर्ष 1951 में 36-7 वर्ष थी, बढ़कर वर्ष 2001 में 64-6 वर्ष हो गई।

(4) महत्वपूर्ण सुधार बहुत से कारक, जैसे- जन स्वास्थ्य, संक्रामक बीमारियों से बचाव एवं रोगों के इलाज में आधुनिक तकनीकों के प्रयोग के परिणामस्वरूप हुआ है।

(5) महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बावजूद भारत के लिए स्वास्थ्य का स्तर चिंता का विषय है।

 

प्रश्न 26. राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं ?

उत्तर-राष्ट्रीय जनसंख्या नीति-परिवारों के आकार को सीमित रखकर एक व्यक्ति के स्वास्थ्य एव कल्याण को सुधारा जा सकता है, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 1952 में एक व्यापक परिवार नियोजन कार्यक्रम को प्रारंभ किया। परिवार कल्याण कार्यक्रम जिम्मेदार तथा सुनियोजित पितृत्व को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत हैं। राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000, कई वर्षों के नियोजित प्रयासों का परिणाम है

राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने, शिशु मृत्यु दर को प्रति 1,000 में 30 से कम करने, व्यापक स्तर पर टीकारोधी बीमारियों से बच्चों को छुटकारा दिलाने, लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने तथा परिवार नियोजन को एक जन- केन्द्रित कार्यक्रम बनाने के लिए नीतिगत ढाँचा प्रदान करती है।

राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 और किशोर (1) राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 ने किशोर किशोरियों की पहचान जनसंख्या के उस प्रमुख भाग के रूप में की, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पौषणिक आवश्यकताओं के अतिरिक्त इस नीति में अवांछित गर्भधारण और यौन संबंधों से प्रसारित बीमारियों से किशोर/ किशोरियों की सुरक्षा जैसी अन्य महत्वपूर्ण आवश्यकताओं पर भी जोर दिया गया है। (2) इसके द्वारा ऐसे कार्यक्रम चलाए गए जिसका उद्देश्य देर से विवाह और देर से संतानोत्पत्ति को प्रोत्साहित करना, किशोर/किशोरियों को असुरक्षित यौन संबंध के कुप्रभावों के बारे में शिक्षित करना, गर्भ- निरोधक सेवाओं को पहुँच और खरीद के भीतर बनाना, खाद्य संपूरक और पौषणिक सेवाएँ उपलब्ध करवाना और बाल-विवाह को रोकने के कानूनों को सुदृढ़ करना है।

(3) किसी भी राष्ट्र के लिए वहाँ के लोग बहुमूल्य संसाधन होते हैं। एक शिक्षित एवं स्वस्थ जनसंख्या ही कार्यश्रम शक्ति प्रदान करती है।प्रश्न 2. लोकतंत्र के गुण लिखिए।

प्रश्न 27. लोकतंत्र के प्रमुख दोष लिखिए।

उत्तर-  लोकतंत्र के दोष-निम्नलिखित हैं-

(1) योग्यता व गुण के अपेक्षा बहुमत को ज्यादा महत्व देना- प्रजातंत्र में योग्यता और गुण के स्थान पर संख्या और बहुमत को अधिक महत्व दिया जाता है।

(2) धन का अपव्यय – इस प्रणाली में व्यवस्थापिका सभाओं के सदस्यों तथा मंत्रिमण्डल आदि पर पर्याप्त धन व्यय किया जाता है। चुनाव के समय भी पैसा आवश्यक रूप में खर्च होता है।

(3) समय की बर्बादी – प्रजातंत्र शासन में अनावश्यक रूप से समय की बर्बादी होती है। चुनाव व नीति निर्धारण में काफी समय की बर्बादी होती है। किसी भी निर्णय पर पहुँचने से पूर्व वाद-विवाद में भी समय व्यर्थ नष्ट हो जाता है तथा निर्णय लेने में देर लगती है।

 

प्रश्न 28. पंथ निरपेक्ष संविधान से क्या आशय है ?

उत्तर- पंथ निरपेक्ष संविधान से आशय-संविधान में पंथ निरपेक्ष राज्य का आदर्श रखा गया है। इसका आशय है कि राज्य सभी पंथों की समान रूप से रक्षा करेगा और स्वयं भी पंथ को राज्य के धर्म के रूप में नहीं मानेगा। सरकार द्वारा नागरिकों के मध्य पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को अपने विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता है।

प्रश्न 29. संविधान सभा का परिचय दीजिए।

उत्तर – संविधान सभा वह सभा है जिसमें किसी देश का संविधान बनाने का कार्य सौंपा जाए तो उसे  संविधान सभा के नाम से जाना जाता है।भारत का संबिधान एक संविधान सभा द्वारा निर्मित किया गया। संविधान सभा का गठन ब्रिटिश शासन तथा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेतृत्वकर्ताओं के मध्य परस्पर सहमति से किया गया। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को हुई जिसमें डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अस्थाई अध्यक्ष चुना गया। संविधान सभा की दूसरी बैठक 11 दिसंबर, 1946 को हुई जिसमें डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया। संविधान सभा की 2 वर्ष, 11 माह एवं 18 दिन की कार्य अवधि में कुल 11 अधिवेशनों में 166 बैठकें हुई।

प्रश्न 30. संविधन का क्या महत्व है ? लिखिए।

उत्तर- संविधान सभा का महत्व-किसी देश का संविधान उस राष्ट्र की राजनीतिक व्यवस्था का बुनियादी ढाँचा निर्धारित करता है। संविधान में शासन के सभी अंगों व्यवस्थापिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका की रचना, शक्तियाँ, कार्यों और दायित्वों का उल्लेख होता है। संविधान शासन के अंगों और नागरिकों के मध्य संबंधों को भी विनियमित करता है।

………………………………………………………………………………………………………………………………………………………..……………………………….

प्रश्न . प्रधानमंत्री के कार्यों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- प्रधानमंत्री के कार्य-

(1) प्रधानमंत्री मंत्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता करता है।

(2) मंत्रिपरिषद में अन्य मंत्रियों को नियुक्ति हेतु प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को सलाह देता है।

(3) मंत्रियों के विभागों का बँटवारा प्रधानमंत्री करता है।

(4) यह राष्ट्रपति का प्रधान सलाहकार होता है।

प्रश्न . विधायिका क्या है ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-विधायिका या विधानमण्डल किसी राजनैतिक व्यवस्था के उस संगठन या इकाई को कहा जाता है जिसे कानून व जन नीतियाँ बनाने, बदलने व हटाने का अधिकार हो। किसी विधायिका के सदस्यों को विधायक कहा जाता है।

 

प्रश्न . कार्यपालिका किसे कहते हैं ?

उत्तर- कार्यपालिका का अर्थ व्यक्तियों के उस समूह से है जो कायदे-कानूनों को संगठन में रोजाना लागू करते हैं। सरकार के मामले में भी, एक संस्था नीतिगत निर्णय लेती है और नियमों और कायदों के बारे में तय करती है।

 

प्रश्न . राष्ट्रपति पद के लिए निर्धारित योग्यताएँ बताइए एवं उसका कार्यकाल क्या है ?

उत्तर- राष्ट्रपति पद के लिए योग्यताएँ –

(1) यह भारत का नागरिक हो।

(2) उसकी आयु 35 वर्ष से कम न हो।

(3) उसमें वे सभी योग्यताएँ हों, जो लोकसभा के सदस्यों के लिए निर्धारित की गई है।

(4) वह केन्द्र सरकार या राज्य सरकार के अधीन आर्थिक लाभ वाले पद पर कार्य न करता

…………………………………………………………………………………………………………………………………………….

लेटेस्ट अपडेट के लिए सोशल मीडिया ग्रुप ज्वाइन करें –

___________________________________________________________________

👉 WhatsApp Group Join करे –

https://chat.whatsapp.com/COtT80It2O51ZBE1pe4ddu

 

👉 Telegram Group Join करे –

https://t.me/mpboard9thand12th

—————————————————————————————————————————–

प्रश्न बैंक सम्पूर्ण हल 2024 :-

 9th प्रश्न बैंक सम्पूर्ण हल 2024 – PDF Download करे   9th प्रश्न बैंक सम्पूर्ण हल 2024 – PDF Download करे 
 9th प्रश्न बैंक सम्पूर्ण हल 2024 – PDF Download करे   12th प्रश्न बैंक सम्पूर्ण हल 2024 – PDF Download करे 

 

परीक्षा अध्ययन 2024 :-

 9th परीक्षा अध्ययन 2024 – PDF Download करे   9th परीक्षा अध्ययन 2024 – PDF Download करे 
 9th परीक्षा अध्ययन 2024 – PDF Download करे   12th परीक्षा अध्ययन 2024 – PDF Download करे 

 

परीक्षा बोध 2023 :-

9th परीक्षा बोध 2024 – PDF Download करे 9th परीक्षा बोध 2024 – PDF Download करे
9th परीक्षा बोध 2024 – PDF Download करे 12th परीक्षा बोध 2024 – PDF Download करे

 

» Next Post »

» Class 9th Notes –

Chemistry Class 9th All Chapter Notes in All Subject – pdf Download

Physics Class 9th All Chapter Notes in All Subject – pdf Download

Biology Class 9th All Chapter Notes in All Subject – pdf Download

» Class 12th Notes –

Chemistry Class 12th All Chapter Notes in All Subject – pdf Download

Physics Class 12th All Chapter Notes in All Subject – pdf Download

Biology Class 12th All Chapter Notes in All Subject – pdf Download

» Ncert Books

9th Ncert Books – All Subject pdf Download 

12th Ncert Books – All Subject  pdf Download 

Spread the love

Leave a Reply

error: Content is protected !!